यूपी के बरेली में कलेक्ट्रेट के पास चुनाव ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने जज की कार रोक ली। परिचय देने के बावजूद उन्हें दूसरे रास्ते से जाने को कहा। इस पर जज ने जिला निर्वाचन अधिकारी और SSP को फोन कर पूरे मामले से अवगत कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई को कहा। SSP ने इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए चुनाव आयोग से उनके निलंबन की संस्तुति की है। सोमवार को कलेक्ट्रेट में लोकसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया थी। इसी दौरान सुबह करीब साढ़े दस बजे सिविल जज जूनियर डिवीजन आकाश गुप्ता को न्यायालय परिसर जाने के दौरान पुलिस ने चौधरी चरण सिंह पार्क के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।

जज ने पुलिसकर्मियों को अपना परिचय देते हुए आईडी कार्ड दिखाया, लेकिन वहां तैनात एक दरोगा और दो सिपाहियों ने उन्हें दूसरे रास्ते से जाने को कहा। जज ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बता दें। इतने में इंस्पेक्टर श्रवण कुमार  सिंह पान खाते हुए वहां पहुंचे और उन्होंने भी जज से दूसरी ओर से जाने को कह दिया। इस पर जज ने इंस्पेक्टर को भी अपना आईडी कार्ड दिखाया तो भी वह जिद पर अड़े रहे और कह दिया कि आप कोई भी हों, दूसरे रास्ते से जाइए।

जज ने अधिकारियों से की शिकायत
पुलिसकर्मियों की इस अभद्रता पर जज ने जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र कुमार और SSP सुशील घुले को पूरे मामले से अवगत कराते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा। इस पर SSP ने एसपी सिटी राहुल भाटी से पूरे मामले की जांच कराई तो वहां तैनात क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर श्रवण कुमार, थाना मीरगंज के सब इंस्पेक्टर सूरज पाल सिंह, फतेहगंज पश्चिमी के सिपाही विष्णु कुमार और लेखपाल सागर की लापरवाही सामने आई। उन्होंने चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ चुनाव आयोग से निलंबन की संस्तुति की है।

ड्यूटी से भी हटाया गया
SSP सुशील घुले ने बताया कि एसपी सिटी राहुल भाटी से मामले की जांच कराई गई थी। इसमें चारों पुलिसकर्मियों का व्यवहार ठीक न होने की बात सामने आई। इंस्पेक्टर समेत चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के लिए चुनाव आयोग को संस्तुति की गई है। साथ ही उन सभी को उस प्वाइंट से हटा दिया गया है।

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