गुजरात में साल 2022 के मोरबी केबल ब्रिज हादसे में हाईकोर्ट ने एक बार फिर ओरेवा कंपनी को फटकार लगाई है। ओरेवा के एमडी जयसुख पटेल की मुसीबत और बढ़ गई हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने उन्हें फटकारते हुए दो टूक कहा कि, मोरबी ब्रिज हादसे के लिए आप जिम्मेदार हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि, जयसुख पटेल के खिलाफ अवमानना क्यों नहीं दायर की जाए। इस मामले में 26 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई होगी।

जानकारी के मुताबिक, गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी केबल ब्रिज दुर्घटना के मामले में हाइकोर्ट ने ओरेवा कंपनी को फटकार लगाई है। बता दें कि, ओरेवा के MD जयसुख पटेल को कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। मृतकों और पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने पूछा कि, जयसुख पटेल के खिलाफ अवमानना क्यों नहीं दायर की जाए।

हाईकोर्ट ने और क्या कहा?
गुजरात हाईकोर्ट ने लापरवाही के लिए ओरेवा कंपनी को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने फटकारते हुए कहा कि, आप यहां लुका-छिपी खेलने नहीं आए, आप हर वक्त ऐसा कर रहे हैं। पहले कहा गया कि एमडी जेल में हैं और अब दूसरा बहाना बनाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि, यह स्वत: संज्ञान से की गई सुनवाई है, हम कंपनी की बात सुनने के लिए बाध्य नहीं हैं, आपको बस कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। ओरेवा कंपनी ने अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। यह घटना आपकी वजह से हुई और मोरबी ब्रिज हादसे के लिए आप जिम्मेदार हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि, हमने SIT रिपोर्ट पढ़ी है और बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह निश्चित था कि जिस तरह मरम्मत की गई उसके बाद पुल ढह जाएगा। बता दें कि, इस मामले में 26 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई होगी।

बता दें कि, गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसा मामले में सरकार द्वारा नियुक्त SIT ने अपनी रिपोर्ट में कई खुलासे किए थे। जांच टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया था कि केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग लगना और पुराने सस्पेंडर्स को नए से जोड़ना जैसी कुछ प्रमुख खामियां थीं, जिसके कारण 2022 में मोरबी में पुल गिर गया था, जिसमें 135 लोग मारे गए थे। दरअसल, दिसंबर 2022 में पांच सदस्यीय SIT टीम द्वारा मोरबी ब्रिज हादसा पर प्रारंभिक रिपोर्ट जमा की गई थी। 

30 अक्टूबर 2022 को हुआ था मोरबी हादसा
बता दें कि अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए ठेका मिला था। ये पुल साल 2022 में 30 अक्टूबर को गिर गया था। SIT ने पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाई थीं। इस SIT टीम में आईएएस अधिकारी राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी, राज्य सड़क और भवन विभाग के एक सचिव और एक मुख्य अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर शामिल थे।

143 साल पुराना था मोरबी का ब्रिज 
मोरबी का 765 फीट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था। इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था। इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था। वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था, ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके।

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Picture Source : BBC.COM